Saturday, June 24, 2017

प्रस्तावना

माननीय प्रधानमंत्री महोदय श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत जिले से ‘बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं’ अभियान का शुभारम्भ किया । विगत दो वर्षो में राजस्थान सरकार द्वारा सराहनीय प्रयास कर बेटी बचाओं बेटी पढाओं अभियान अन्तर्गत गतिविधियाँ आयोजित की गई इससे लिंगानुपात में वृद्धि हुई है। राजस्थान में माननीया मुख्यमंत्री महोदया द्वारा विविध गतिविधियाँ-हस्ताक्षर अभियान,नवजात कन्याओं को बधाई संदेश,मुख्यमंत्री राजश्री योजना,मुखबिर योजना,जीपीएस ट्रेकिंग के माध्यम से लिंगानुपात में वृद्धि हुयी है। राजस्थान में वर्ष 2001 में प्रति 1000 बच्चों पर 6 वर्ष आयु तक लिंगानुपात 909 था जो सत्र 2011 में गिरकर 888 हो गया यह चिंताजनक स्थिति थी। इस पर चिन्ता जतायी माननीया मुख्यमंत्री महोदयाने एवं बेटियों के लिए महत्वपूर्ण योजना मुख्यमंत्री राजश्री योजना प्रारम्भ की। यह योजना लडकियों के लिए वरदान सिद्ध होगी । भ्रूणहत्या पर रोक लगाने हेतु सोनोग्राफी सेन्टरो पर जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम एवं मुखबिर योजना कारगर सिद्ध हुयी है। माननीया मुख्यमंत्री महोदया का बहुत-बहुत धन्यवाद जिन्होने महिलाओं के बारे में चिन्ता प्रकट की एवं इसे साकार स्वप्न बनाया । राजस्थान में एक तिहाई जिलों में लिंगानुपात झुंझुनू, अलवर, सीकर, दौसा, भरतपुर, करौली, टोंक, सवाईमाधोपर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ व जैसलमेर में बहुत कम है। अलवर जिला विकास की ओर अग्रसर जिला है किन्तु लिगांनुपात जिले में कम है जिले का लिंगानुपात 895 है। लिंगानुपात का अन्तर कम करने के लिए जिला प्रशासन अलवर द्वारा विविध गतिविधियाँ आयोजित की गयी। इस मुहिम का श्रेय जिला कलक्टर श्री मुक्तानन्द अग्रवाल को जाता है जिन्होने रिक्शाचालक की बेट़ी को गोद लेकर संदेश प्रसारित किया एवं परवरिश की जिम्मेदारी ली। जिला कलक्टर के नेतृत्व में जिले में अभियान से संबंधित कई गतिविधियां आयोजित की गयी। ये उनकी सकारात्मक सोच का परिणाम है । उनके नेतृत्व में महिला एवं बालविकास विभाग द्वारा विविध गतिविधियाँ आयोजित की गयी । कार्यक्रम अधिकारी महिला अधिकारिता,अलवर ऋषिराज सिंघल विभागीय गतिविधियाँ आयोजित करवा रहे है। जिले में प्रदर्शनी,रैली,संदेश एवं प्रतियोगिताओं के माध्यम से मुहिम आगे बढ रही है। अब बात करे अलवर जिले की बानसूर तहसील की जिसकी कुल जनसंख्या 2,63,663 है एवं लिंगानुपात 2001 में 904 था जो 2011 में 848 हो गया एवं सन 2015 में गिर कर 888 रह गया । इस पर चिन्ता जताते हुए उपखण्ड प्रशासन की पहल से लिंगानुपात में वृद्धि हुई हैं। जिससे एक अच्छा संदेश प्रसारित हुआ है,उक्त संदेश से प्रेरणा मिली एवं इस दिशा में एक सार्थक पहल शुरू हुई ।

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